ये भी एक तमाशा है इश्क और मोहब्बत में गिला शिकवा << सादगी इतनी भी नहीं है अब ... नफरतों के शहर में चालाकिय... >> ये भी एक तमाशा है इश्क और मोहब्बत मेंदिल किसी का होता है और बस किसी का चलता है! Share on: